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हमदर्द तथा औषधि निर्माण

Humdard aur oshdhi nirmad
Humdard aur oshdhi nirmad


                             हमदर्द तथा औषधि निर्माण


तिब्बे यूनानी औषधियों के विशाल भंडारों से मालामाला है। एक समय था जब केवल जड़ी बूटियों से चिकित्सा की जाती थी । यह तिब्ब का प्रारंभिक युग कहा जाता है। धीरे धीरे चिकित्सा का चलन मुरक्कबात की ओर आया।आरम्भ मै जोशांदे आदि के  रूप में और फिर अनेक शरबतों माजूनों तथा जवारिशों आदि के रूप में नियमानुसार फार्मूले के मुरक्कबात तैयार होने लगे। अरब चिकित्सकों तथा अन्वेषकों ने इसकी सेवा का पूरा पूरा कार्य किया। भारतीय चिकित्सकों ने जी भी इस विषय में अपना योगदान देने में कमी नहीं की और इस प्रकार यह हाल हो गया कि यूनानी मुरक्कबात का का भंडार गिनती की सीमा से बाहर दिखाई देने लगा।www.gharelunushke.blogspot.com
यह बात यद्यपि तिब्ब की उन्नति की प्रतीक बनी परंतु इस विशाल भंडार में शीत तथा शुष्क भी सम्मिलित हो गए। इसलिए अनिवार्य था कि अति कुशलता पूर्वक सुरक्षा सहित यूनानी औषधि निर्माण के जीवन के लिए प्रयत्न किया जाए।
इस प्रयत्न को ठीक रेखाओं पर सफलतापूर्वक चलाने के लिए सबसे प्रथम बात यह यूनानी औषधियां इस महान भंडार से प्राचीन तथा नवीन तजुर्बात के प्रकाश में केवल वास्तविक तथा दृढ़ औषधियां निकाल ली जाए और उनको आधुनिक युग के मानव से सहमत करने का व्रत किया जाए
हमदर्द ने इस शैली की पूर्ति का बीड़ा उठाया उसने अपनी स्थापना के आरंभ ही से इस बात को भांप लिया था कि अब आंख मूंदकर पुरानी स्थापना के आरंभ ही से कार्य नहीं चलेगा। जीवन के लिए दूरदर्शी होना अनिवार्य है। चिकित्सा शैली में रिसर्च के द्वार बंद हो चुके थे। हमदर्द  ने आगे बढ़कर उन पर करताल दी, उनको खोला और खोज और प्रयत्न के एक बड़े मैदान में आ गया। अंत में कड़ी मेहनत और लगातार तजुर्बा के पश्चात हमदर्द अपने औषधि निर्माण के लिए यूनानी मुरक्बात का एक विश्वसनीय चुनाव करने में सफल हुआ। यह चुनाव आगामी पन्नों में उसी क्रम अनुसार प्रत्यक्ष किया जा रहा है जो चिकित्सकों तथा तिब्ब के चाहने वालों के अध्ययन तथ खोज की बहुत सी सुविधाओं का प्रतीक है।
https://gharelunushkea.blogspot.com/2019/11/blog-post_30.html
यूनानी औषधियों के चुनाव के समय सबसे बड़ी उलझन यह सामने आई थी कि विभिन्न पुस्तकों में औषधियों के नुस्खों में विवाद था तथा अधिकतर औषधियों के तैयार करने के ढंग की तफसील न मिलती थी। हमदर्द ने इस उलझन पर भी दक्षता प्राप्त की एक लंबी छानबीन के पश्चात मान्यता प्राप्त नुस्खों को अपनाया और फिर उनको आदर्शीय बनाया और अपनी इस लंबी छानबीन को पुस्तक "कराबदीन मजीदी'  के रूप में क्रमानुसार प्रकाशित भी कर दिया गया है।
इस मान्यता प्राप्त तथा चुनी हुई औषधियों के साथ आगामी पन्नों में आपको यह औषधियां भी मिलेंगी जिन के आविष्कार का गौरव हमदर्द  को प्राप्त है और जो आज पूरे देश में लोकप्रिय है औषधियों तथा औषधि निर्माण में उच्चतम  आदर्श स्थापित करने के लिए हमदर्द दवा खाने में वैज्ञानिक यंत्रों से सुसज्जित लैबोरेट्रीज हैं जो क्वालिफाइड विशेषज्ञों के निरीक्षण में आम औषधियों से लेकर तैयार तथा पेक की हुई औषधियों तक  उन पर साइंटिफिक कंट्रोल रखती हैं ताकि प्रत्येक औषधि का नियुक्त आदर्श रह सके। एनालिटिकल लैबोरेट्री है जिस में आम तथा तैयार की हुई औषधियों का विश्लेषण किया जाता है के इनमें सब ही द्रव्य नियुक्त आदेश अनुसार हैं या नहीं। प्रोसेस कंट्रोल लेबोरेट्री है जहां विशेष रूप से शरबतों के अतिरिक्त रूह अफजा भी सम्मिलित है। संक्षिप्त यह है की प्रत्येक संभव प्रयास में इस उद्देश्य के लिए किया जाता है की हमदर्द की प्रत्येक वस्तु औषधि तैयारी के प्रारंभ से लेकर रोगी के प्रयोग तक अपनी उपयोगिता में दृढ रहे।

मस्तिष्क तथा पुट्टों के रोग

हमदर्द के उच्चतम अधिकारी तथा चीफ मुतवल्ली श्री अब्दुल मुईद स्वयं औषधियों के आम द्रव्यों से लेकर तैयारी तथा पैकिंग तथा प्रत्येक कार्य का निरीक्षण करते हैं तथा प्रत्येक कार्य के स्तर उच्चतम रखने में ना किसी प्रबंधकिय रुकावट को आने देते हैं ना तैयारी के अधिक खर्च को ,यही कारण है कि तैयार की हुई औषधियां देशभर में पूर्ण विश्वास के साथ सेवन की जाती हैं।

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