Skip to main content

मस्तिष्क तथा पुट्टों के रोग MASTISHK TATHHA PUTTON KE ROG

                              


                                           सिर दर्द तथा आधासीसी का दर्द:-

                                                  

SAR DARD KI DAWA
sar dard 

                                             इत्रीफल ज़मानी -

-नजला व जुकाम ,  सिर दर्द, सिर चकराना ,आधासीसी का दर्द शूल और उन्माद में लाभदायक है ।कब्ज को दूर करके आंतों के गंदे मवाद को निकालता है।
सेवन मात्रा-5 ग्राम से 10 ग्राम तक आयु के अनुसार
सेवन विधि रात को सोते समय 250 मिली लीटर दूध या पानी से खाएं।

                                      इत्रीफल सनाई-

पुराने सिर दर्द, आधासीसी के दर्द ,सिर चकराना, आंखों की लाली, भी इसके प्रयोग से दूर हो जाती है नाक, कान का दर्द और आष्मान रुक जाता है।
सेव्य मात्रा- 5 ग्राम से 10 ग्राम तक आयु के अनुसार ।
सेवन विधि- रात को सोते समय 250 मिली लीटर दूध या पानी से खाएं

                                                इत्रीफल किशनजी -

 मस्तिष्क तथा अमाश्य को बल देता है। कब्ज को दूर करता है। इसके लगातार खाने से पुराना नजला सदैव के लिए खत्म हो जाता है। नजले से पैदा होने वाले सब ही रोग उदाहरणतय सिर दर्द, चक्कर आने, आंखों की लाली, भी इसके प्रयोग से दूर हो जाती है ।नाक, कान का दर्द और आष्मान रुक जाता है।
सेव्य मात्रा-10 ग्राम
सेवन विधि-रात को सोते समय यह इत्रीफल पानी से खाएं।

                                                इत्रीफल मुलय्यन- 

पुराने सिरदर्द, शिरोभरम और आधा शीशी के दर्द को दूर करने के लिए यह बहुत अच्छी औषधि है
 क़ब्ज को दूर करती है नजला तथा जुखाम और उनके कारण से पैदा होने वाले रोगों के लिए विशेषकर लाभदायक है।
सेव्य मात्रा- 10 ग्राम
 सेवन विधि रात को सोते समय 250 मिली लीटर दूध या पानी से खाएं।

                                                कुर्स मुसल्लस-

यह कुर्स सिर दर्द और आधासीसी के दर्द को आराम देते हैं।
प्रयोग विधि-एक टिकिया पानी में घिसकर माथे तथा कनपटी पर लगाएं

                                               रोग़न काहू-                                                

गर्मी से पैदा होने वाले सिरदर्द को दूर करता है मस्तिष्क की खुश्की को दूर करके ठंडक पैदा करता और निंद्रा लाता है।
प्रयोग विधि सिर और माथे पर लगाएं और नाक कान में भी बूंदें डालें।

                                               रोगन कद्दू-

गर्मी से पैदा होने वाले सिर दर्द को दूर करता है, मस्तिष्क की खुश्की को दूर करके ठंडक पैदा करता है और निंद्रा लाता है।
प्रयोग विधि सिर और माथे पर लगाएं और नाक तथा कान में भी एक दो बूंदें डालें।

                                               रोगन बनफ़शा-

मस्तिष्क की खुश्की को दूर करता है निंद्रा लाता है और सिरदर्द को दूर करता है।
प्रयोग विधि
सिर पर मालिश करें और माथे पर भी लगाएं।

                                               रोग़न गुल-

सरसाम में लाभदायक है। गर्मी से पैदा होने वाले सिरदर्द को दूर करता है प्रयोग विधि सरसाम के आरंभ में रोगन गुल अर्क गुलाब और शुद्ध सिरका मिलाकर कपड़े या रुई की सहायता से बार-बार सिर पर रखे सिर दर्द में सिर और माथे पर लगाएं।

                                               हब्बे अयारज- 

यह गोलियां मस्तिष्क की सफाई के लिए विशेष हैं ।पुराने सिर दर्द मिर्गी और अन्य मस्तिष्क रोगों में प्रयोग की जाती हैं
सेव्य मात्रा- 3 ग्राम 
सेवन विधि-
यह गोलियां साधारण मवाद निकल जाने के पश्चात विशेष मस्तिष्क को सफाई के लिए चिकित्सक की सलाह से इस प्रकार प्रयोग की जाती है की जब चार घड़ी रात शेष हो तो यह गोलियां अर्क गाव जवां 125 मिलीलीटर या अन्य उचित अनुपात के साथ खा कर सो जाते हैं प्रातकाल जगने पर जुलाब की औषधि पीते हैं।

Comments

Popular posts from this blog

𝕄𝔸ℝ𝕍𝔼𝕃 𝔸𝕍𝔼ℕ𝔾𝔼ℝ𝕊 𝔸 𝔻 😱! ℝ𝔼𝔸𝕃 𝔽𝔸ℂ𝔼 𝔸ℕ𝔻 ℍ𝔼ℝ𝕆𝕊 𝔽𝔸ℂ𝔼 😈 #shorts #ytshorts #avengers

via https://youtu.be/M2DluENymG8

Introducing My Shocks. 😉 Ciggerate Whatsapp Status (SAD BOYS)#short #shorts #cigarette

via https://youtu.be/RpDENmVEg7M

MC STAN-Gender (official video) Insaan 2023 (Slowed+reverb) New Song #viral #short #shorts

via https://youtu.be/V8wetb-ri5s