*🥕🥕 गाजर के औषधीय प्रयोग*
🥕🥕 *दिमागी कमजोरी* : गाजर के रस का नित्य सेवन करने से कमजोरी दूर होती है।
🥕🥕 *दस्त* : गाजर का सूप लाभदायक है।
🥕🥕 *सूजन* : मरीज को सब आहार त्यागकर केवल गाजर के रस अथवा उबली हुई गाजर पर रहने से लाभ होता है।
🥕🥕 *मासिक न दिखने पर या कष्टार्तव :* मासिक कम आने पर या समय होने पर भी न आने पर गाजर के 5 ग्राम बीजों का 20 ग्राम गुड़ के साथ काढ़ा बनाकर लेने से लाभ होता है। एलोपैथिक गोलियाँ जो मासिक को नियमित करने के लिए ली जाती हैं, वे हानिकारक होती हैं।
🥕🥕 *पुराने घाव :* गाजर को उबालक उसकी पुल्टिस बनाकर घाव पर बाँधने से लाभ होता है।
🥕🥕 *खाजः* गाजर को कद्दूकस करके अथवा बारीक पीसकर उसमें थोड़ा नमक मिला लें और पानी डाले बिना उसे गर्म करके खाज पर रोज बाँधने से लाभ होता है।
🥕🥕 *आधासीसी:* गाजर के पत्तों पर दोनों ओर घी लगाकर उन्हें गर्म करें। फिर उनका रस निकालकर २-३ बूंदें कान एवं नाक में डालें। इससे आधासीसी का दर्द मिटता है।
🥕🥕 *श्वास-हिचकी :* गाजर के रस की ४-५बूंदें दोनों नथुनों में डालने से लाभ होता है।
🥕🥕 *नेत्ररोग :* दृष्टिमंदता, रतौंधी, पढ़ते समय आँखों में तकलीफ होना आदि रोगों में कच्ची गाजर या उसके रस का सेवन लाभप्रद है। *यह प्रयोग.चश्मे का नंबर घटा सकता है।*
🥕🥕 *पाचन संबंधी गड़बड़ी:* अरुचि, मंदाग्नि, अपच आदि रोगों में गाजर के रस में नमक, धनिया, जीरा, कालीमिर्च, नींबू का रस डालकर पियें अथवा गाजर का सूप बनाकर पियें।
🥕🥕 *पेशाब की तकलीफ :* गाजर का रस पीने से खुलकर पेशाब आता है, रक्तशर्करा भी कम होती है। गाजर का हलवाखाने से पेशाब में कैल्शियम, फास्फोरस का आना बंद हो जाता है।
🥕🥕 *नकसीर फूटना :* ताजी गाजर का रस अथवा उसकी
लुगदी सिर पर एवं ललाट पर लगाने से लाभ होता है।
🥕🥕 *जलने पर :* जलने से होनेवाली दाह में प्रभावित अंग पर बार-बार गाजर का रस लगाने से लाभ होता है।
🥕🥕 *हृदयरोग :* हृदय की कमजोरी अथवा धड़कनें बढ़ जाने पर गाजर को भून लें या उबाल लें फिर उसे रात भर के लिए खुले आकाश में रख दें, सुबह उस में मिश्री तथा केवड़े या गुलाब का अर्क मिलाकर रोगी को देने से लाभ होता है अथवा उसे रोज दो से तीन बार कच्ची गाजर का रस पिलाएं l
🥕🥕 *प्रसव पीड़ा :* यदि प्रसव के समय स्त्री को अत्यंत कष्ट हो रहा हो तो गाजर के बीजों के काढ़े में 1 वर्ष का पुराना गुड़ डालकर गरम गरम पिलाने से प्रसव जल्दी होता है l
📌📌 *सावधानी :* गाजर के भीतर का पीला भाग खाने से अथवा गाजर खाने के बाद 30 मिनट के अंदर पानी पीने से खांसी होती है l अत्यधिक मात्रा में गाजर खाने से पेट में दर्द होता है l ऐसे समय में थोड़ा गुड़ खाएं l अधिक गाजर वीर्य का क्षय करती है l पित्त प्रकृति के लोगों को गाजर का कम एवं सावधानी पूर्वक उपयोग करना चाहिए l
🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕🥕
Comments
Post a Comment
If you have any doubt's, please let me know