सिर चकराना का इलाज तथा चक्कर के लिए घरेलू आयुर्वेदिक नुस्खे
sar chkrana |
सिर चकराना (Giddiness)-अपने आसपास की वस्तु जब चारों ओर घूमती हुई दिखाई दें तो समझ लें यह सिर चकराने के कारण हुआ है जो मानसिक कमजोरी के लक्षण हैं। अधिक गर्म वातावरण में काम करने व धूप में देर तक चलने-फिरने से कुछ लोग अचानक चकराकर गिर पड़ते है। कभी-कभी स्त्रियां भी देर तक रसोईघर में गैस पर काम करते-करते सिर चकराने से बेसुध हो जाती हैं। देर तक धूप में चलने, रसोईघर में गैस पर खाना पकाते हुए उसका सिर चकराने लगता है। देर तक पढ़ते रहने व टेलीविजन देखने पर भी कई बार सिर चकरा जाता है। जब कोई व्यक्ति देर तक सोफे व कुर्सी पर बैठा रहता है और फिर एकदम तेजी से उठता है तो उसकी आंखों के सामने कुछ पलों के लिए अंधेरा-सा छा जाता है। ऐसा दिमाग में रक्त नहीं पहुंच पाने के कारण होता है।
कुछ स्त्री-पुरुषों को भोजन करने के बाद जल्दी से उठकर चलने में सिर चकराने की समस्या हो सकती है। अधिक चाय, कॉफी और दूसरे गर्म एसिडिटी पैदा करने वाले खाद्य-पदार्थों का सेवन करने वाले लोग सिर चकराने की बीमारी से अधिक पीड़ित होते हैं। चक्कर आना या सिर घूमना आदि के प्रमुख कारणों तथा उनसे बचाव की जानकारी को हमने अपने पिछले पोस्ट में काफी विस्तार से बताया था इस आर्टिकल में सिर घूमने चकराने के इलाज के लिए कुछ और घरेलू तथा आयुर्वेदिक उपाय दिए गए है |
सिर चकराना का आयुर्वेदिक इलाज
सिर चकराने में इत्रीफल ज़मानी,इत्रीफल किशनीजी ,इत्रीफल मुलैययन ,खमीरा गावज़वां अम्बरी, खमीरा गावज़वां अम्बरी जवाहर वाला, कुश्ता मरजाना सादा, कुश्ता मरजान जवाहर वाला ,लाभदायक है। इन सब का वर्णन सिर दर्द और मस्तिष्क दुर्लभता में हो चुका है ।
हब्बे जवाहर ,दवाउलमिस्क,मोतदिल ,नोशदारु,लुलूवी,और खमीरा मरवारीद भी सिर चकराने में लाभदायक है।इनका वर्णन'हृदय दुर्बलता' में आगे आयगा।
,इत्रीफल ज़मानी,
nazla zukam aur sar dard ki unani dawanazla zukam aur sar dard ki unani dawa इत्रीफल किशनीजी
, इत्रीफल मुलैययन,
खमीरा गावज़वां अम्बरी
, खमीरा गावज़वां अम्बरी जवाहर वाला
कुश्ता मरजाना सादा
कुश्ता मरजान जवाहर वाला ,लाभदायक है। इन सब का वर्णन सिर दर्द और मस्तिष्क दुर्लभता में हो चुका है ।
हब्बे जवाहर ,दवाउलमिस्क,मोतदिल ,नोशदारु,लुलूवी,और खमीरा मरवारीद भी सिर चकराने में लाभदायक है।इनका वर्णन'हृदय दुर्बलता' में आगे आयगा।
- कामदुधा रस (मौकिक युक्त) 2 रत्ती आँवले के मुरब्बे के साथ सुबह-शाम सेवन करने से सिर चकराना ठीक हो जाता है।
- सूत शेखर रस (स्वर्ण रहित) एक गोली सुबह-शाम शक्कर या शहद के साथ देने से चक्कर अम्लपित्त, उन्माद, पित्त गर्मी से आने वाले चक्कर तथा सिर चकराना ठीक होता हैं।
- त्रिफलारिष्ट 30 से 50 ग्राम समान मात्रा में पानी मिलाकर भोजन के बाद सुबह और शाम सेवन करने से सिर चकराना निश्चित रूप से दूर होता है। साथ ही इसके सेवन से कब्ज़, गैस, बदहजमी आदि दोष भी ठीक होते हैं।
- अश्वगंधादिघृत 3 से 6 माशे तक मिश्री के साथ चाटकर ऊपर से गाय के दूध का सेवन करें तो सिर चकराना दूर होता है। दिमाग तथा शारीरिक कमजोरी ठीक होती है। यह सभी प्रकार के वातरोगों में भी लाभ होता है।
- मालकांगनी के बीज पहले दिन 1, दूसरे दिन 2 और तीसरे दिन 3 इस प्रकार 21 दिन तक 21 बीज बढ़ाएं। फिर इसी प्रकार बीजों की संख्या घटाते हुए 1 बीज तक ले आएं। बीज निगलकर ऊपर से दूध पिएं। इससे दिमाग की कमजोरी मिट जाती है तथा सर चकराना बंद हो जाता है।
सिर चकराना घरेलू उपाय
- चक्कर आने में कच्ची (ताजी) हल्दी पीसकर माथे पर लेप करने से लाभ होता है।
- प्रतिदिन 2-3 छुहारों को दूध में उबालकर, छुहारे खाने और दूध पीने से शरीर की कमजोरी दूर होती है तथा कमजोरी से होने वाले चक्कर की समस्या से निजात मिलती है |
- गर्मियों में सिर घूमने की समस्या होने पर बादाम, काली मिर्च, तरबूज और खरबूजे के बीज पीसकर ठंडाई बनाकर सुबह-शाम पीने से सिर चकराना ठीक होता है।
- सिर चकराने पर आंवले का मुरब्बा खाकर दूध पीने से बहुत लाभ होता है।
- आंवले के मुरब्बे के सेवन से शारीरिक और मानसिक कमजोरी ठीक होती है।
- चक्कर आने पर एक कप गर्म पानी में एक चम्मच सूखी लेमन बाम (Lemon balm) की पत्तियां धीमी आंच पर लगभग दस मिनट तक उबाले फिर इसे चाय की तरह पियें |
- खरबूजे तथा तरबूजे के बीज छीलकर, गिरी को घी में तलकर मिसरी के साथ चबाकर खाने से शरीरिक शक्ति विकसित होने से सिर चकराना ठीक होता है।
- अपने खाने पीने का विशेष ख्याल रखे तथा भोजन के साथ अधिक मात्रा में टमाटर, मूली, चुकंदर, खीरा आदि का सलाद बनाकर नींबू का रस मिलाकर सुबह-शाम खाने से पेट में गैस बनना, बदहजमी, एसिडिटी आदि दूर रहते है। दूध, दही, घी, मक्खन, पनीर और फलों का खूब सेवन करने से भी लाभ होत
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